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जानें होली 2025 ! विधि, मुहूर्त, महत्व और तिथि |

holi festival 2024

होली 2025: विधि, मुहूर्त, महत्व, प्रसाद और तिथि

"होली" भारतीय सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण और रंगीन पर्व है। यह पर्व हर साल फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का अर्थ है विजय का पर्व और यह पर्व जीवन के रंगों को उत्सव के रूप में मनाने का एक अद्वितीय तरीका है। यह उत्सव भारत और विदेशों के भारतीय समुदायों में बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है।  इस लेख में हम होली उत्सव के महत्व इतिहास और उत्सव के विभिन्न आयोजनों के बारे में विस्तार से जानेंगे। 


होली इस साल 14 मार्च  2025 को मनाई जाएगी। 

होली 2025 में कब है?

होली इस साल 14 मार्च को है - भारत में होली फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। होली इस साल 13 और 14 मार्च  2025 को मनाई जाएगी। 13 मार्च को होलिका दहन होगा और 14 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। होली इस साल 14 मार्च  2025 को मनाई जाएगी। 


होली कैसे मनाई जाती है ?

होली के उत्सव के दौरान लोग एक-दूसरे को रंग (गुलाल ) लगाकर एक दूसरे के साथ खेलते हैं। तरह तरह की मिठाइयों और पकवानों का खानपान करते हैं। यह एक उत्सव है जो समाज में जोश और उत्साह का संचार करता है जहां लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशियों का संगम मनाते हैं। होली के पर्व के दौरान गाँवों और शहरों में विशेष रंगों का खेल खेला जाता है। लोग एक-दूसरे पर विभिन्न रंगों का अभिषेक करते हैं जिससे सभी का चेहरा और कपड़े रंगीन हो जाते हैं। यह रंग भरी खेलने की परंपरा होली को अनूठा और अलग बनाती है। इसके अलावा लोग धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-अर्चना करते हैं जिसमें वे प्रेम और भक्ति का इजहार करते हैं।


होली में होलिका दहन 

होली के पर्व के दिन होलिका दहन एक महत्वपूर्ण रीति और परंपरा है जो भारतीय समाज में गहरे महत्व के साथ मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद की विजय को स्मरण करने के लिए मनाया जाता है। होलिका दहन का आयोजन होली के दौरान उन घटनाओं की याद दिलाता है जो इस पर्व के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। होलिका दहन भलाई की जीत और बुराई की पराजय। का महत्वपूर्ण सन्देश है इस रीति का महत्व हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है। हिरण्यकश्यप जो अपने पुत्र प्रह्लाद के भक्ति के प्रति असंतुष्ट थे ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को मारने की कोशिश की थी। होलिका जो अग्नि के प्रति अपराजित थी प्रह्लाद को अग्नि कुंड में बैठाकर उसे मारने की योजना बनाई थी। लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका की हुई चिंता हो गई। इस परिस्थिति में होलिका दहन का महत्वपूर्ण सन्देश है कि बुराई और अधर्म कभी भी विजयी नहीं हो सकते।


होलिका दहन का शुभ मुहूर्त !

  • होलिका दहन: 13 मार्च 2025, गुरुवार
  • शुभ समय: रात 11:26 बजे से 12:48 बजे तक
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 मार्च सुबह 10:35 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च दोपहर 12:35 बजे


होली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व !

होली से जुड़ी पौराणिक कथा - 

होली का सबसे प्रसिद्ध प्रसंग हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोकने के लिए अपनी बहन होलिका की सहायता ली। होलिका को वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। लेकिन जैसे ही वह प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठी, भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर राख हो गई। इस घटना के प्रतीक रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाने के लिए होलिका दहन किया जाता है।

सामाजिक एकता का प्रतीक - 

होली का त्योहार भेदभाव को मिटाने और प्रेम तथा सौहार्द बढ़ाने का पर्व है। इस दिन सभी वर्गों के लोग मिलकर रंगों से खेलते हैं और एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाते हैं। यह पर्व हमें सभी गिले-शिकवे भुलाकर प्रेमपूर्वक रहने की सीख देता है।


होली की पूजा विधि और अनुष्ठान !

होलिका दहन की विधि - 

  1. होलिका दहन स्थल को पवित्र जल से शुद्ध करें।
  2. वहाँ गोबर, लकड़ी और उपलों से होलिका का निर्माण करें।
  3. नारियल, गुड़, चने, गेहूँ और फूल अर्पित करें।
  4. परिवार के साथ होलिका के चारों ओर परिक्रमा करें और मंत्रों का जाप करें।
  5. होलिका दहन करें और बुराइयों को समाप्त करने की प्रार्थना करें।

रंगों की होली मनाने की परंपरा - 

होली के दिन सभी लोग रंग-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। इस दिन विशेष रूप से अभीर, गुलाल, केसरिया और हरे रंग का उपयोग किया जाता है, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक हैं।


होली का प्रसाद और विशेष व्यंजन !

होली पर बनाए जाने वाले प्रमुख व्यंजन - 

होली के दिन कई पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनमें मुख्य रूप से: गुजिया, ठंडाई, पापड़ और पकौड़े, मठरी और दही बड़े, मालपुआ शामिल हैं।

होली पर बनाए जाने वाले प्रमुख व्यंजन - 

होली के दिन कई पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनमें मुख्य रूप से: गुजिया, ठंडाई, पापड़ और पकौड़े, मठरी और दही बड़े, मालपुआ शामिल हैं।


राशि अनुसार होली के शुभ रंग !

आपकी राशि के लिए भाग्यशाली रंग - 

राशि (Rashi)

शुभ रंग (Lucky Color) 

मेषलाल, गुलाबी

वृषभरा, सफेद 
मिथुनपीला, हरा 
कर्कसफेद, सिल्वर 
सिंहसुनहरा, नारंगी 
कन्याहरा, भूरा 
तुलागुलाबी, बैंगनी 
वृश्चिकलाल, मैरून 
धनुपीला, नारंगी 
मकर

नीला, काला 

कुंभबैंगनी, नीला
मीनहरा, गुलाबी 

होली पर किन रंगों से बचना चाहिए ? 

  • मकर: गुलाबी रंग न पहनें।
  • मेष: काला रंग न पहनें।
  • कर्क: गहरे नीले रंग से बचें।
  • सिंह: काले और गहरे रंगों का प्रयोग न करें।
  • वृश्चिक: सफेद रंग से परहेज करें।


होली मनाने के पर्यावरण-अनुकूल तरीके !

प्राकृतिक रंगों का उपयोग - 

रासायनिक रंगों से बचें और घर पर बने हल्दी, चुकंदर, पालक और फूलों के रंगों का प्रयोग करें।

जल संरक्षण और स्वच्छता - 

  1. कम पानी का प्रयोग करें और सूखी होली खेलने को प्राथमिकता दें।
  2. प्लास्टिक से बनी पिचकारियों की बजाय पारंपरिक पिचकारियों का प्रयोग करें।
  3. होली के बाद सार्वजनिक स्थानों की सफाई करें।

इस पर्व को सही विधि और शुभ रंगों के साथ मनाकर हम अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। " आप सभी को होली की ढेरों शुभकामनाएँ !" 


पोस्ट टैंग — 


—  आज का पंचांग

 शनिवार, 02 अगस्त 2025 : 06 : 26 PM

Sunrise 06:13 AM
Sunset 06:37 PM
Moonrise 07:00 AM
Moonset 07:28 PM

नक्षत्र —

उत्तर फाल्गुनी - [ देवता: सूर्य, वैदिक नाम: रवि ]

 बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 03 : 10 AM से गुरुवार, 05 सितंबर 2024 : 06 : 14 AM तक

तिथि —

प्रतिपदा - [ पक्ष: शुक्ल पक्ष ]

 मंगलवार, 03 सितंबर 2024 : 07 : 25 AM से बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 09 : 47 AM तक

द्वितीया - [ पक्ष: शुक्ल पक्ष ]

 बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 09 : 47 AM से गुरुवार, 05 सितंबर 2024 : 12 : 21 PM तक

लेखक परिचय — 

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नमस्कार मैं प्रकाश चंन्द आपका ज्योतिष आचार्य। मैं लगभग 25 वर्षों से ज्योतिष शास्त्र से जुड़ा हुआ हूँ। मैंने काफी सारे लोगों के लिए सटीक भविस्यवाणी की है। साथ ही Today Rashifal in Hindi पर मैं डेली होरोस्कोप के ऊपर भविस्यवाणी करता हूँ। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई। जानकारी पसंद आती है। तो आप इसे अपने सगे-संबंधो के साथ भी साझा करें। 🧡

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  • शुभ - अशुभ काल 06:59 AM से 08:24 AM तक
  • रोग - अशुभ काल 08:24 AM से 09:50 AM तक
  • उद्बेग - अशुभ काल 09:50 AM से 11:15 AM तक
  • चर - अच्छा 11:15 AM से 12:40 PM तक
  • लाभ - सबसे शुभ 12:40 PM से 02:05 PM तक
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  • उद्बेग - अशुभ काल 09:50 AM से 11:15 AM तक
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