कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस (Dhanteras), जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह केवल धन की देवी माँ लक्ष्मी को समर्पित नहीं है, बल्कि यह आरोग्य और समृद्धि की नींव रखने वाला पर्व है। पाँच दिवसीय दीपावली उत्सव का आरंभ इसी शुभ दिन से होता है, और माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य या खरीदारी तेरह गुना फल देती है।
आज के आधुनिक युग में, धनतेरस मुख्य रूप से सोना, चांदी और नए बर्तन खरीदने तक सिमट गया है, लेकिन इसका धार्मिक, ज्योतिषीय और पौराणिक महत्व इससे कहीं अधिक गहरा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्चा 'धन' केवल भौतिक संपत्ति नहीं, बल्कि हमारा उत्तम स्वास्थ्य (आरोग्य) है, जिसकी सुरक्षा के लिए हम भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं।
धनतेरस का महत्व तीन प्रमुख पौराणिक घटनाओं से जुड़ा है, जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ाते हैं:
भगवान धन्वंतरि का जन्म (स्वास्थ्य के देवता)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य (चिकित्सक) और आयुर्वेद का जनक माना जाता है। इसलिए, धनतेरस को 'धन्वंतरि जयंती' के रूप में भी मनाया जाता है। उनकी पूजा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धन का उपभोग करने के लिए हमें अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त हो। यही कारण है कि इस दिन नए बर्तन खरीदने की परंपरा है, जो अमृत कलश का प्रतीक माने जाते हैं।
देवी लक्ष्मी का आगमन (धन की देवी)
समुद्र मंथन के दौरान ही भगवान धन्वंतरि के बाद माता लक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं। यही कारण है कि धनतेरस के दो दिन बाद दीपावली पर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घरों की सफाई और मुख्य द्वार पर दीप प्रज्वलन शुरू कर दिया जाता है।
धनतेरस 2025: सटीक तिथि और शुभ मुहूर्त
किसी भी पूजा या खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व सबसे अधिक होता है। धनतेरस की पूजा मुख्य रूप से सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में की जाती है, क्योंकि यह समय देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
| विवरण | धनतेरस 2025 की समय सारणी | ज्योतिषीय महत्व |
| धनतेरस 2025 तिथि | 18 अक्टूबर 2025, शनिवार | शनि ग्रह का दिन होने के कारण स्थिरता और दीर्घकालिक लाभ देता है। |
| त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 17 अक्टूबर 2025, शाम 07:00 बजे | त्रयोदशी तिथि की शुरुआत ही शुभ मानी जाती है। |
| त्रयोदशी तिथि समाप्त | 18 अक्टूबर 2025, शाम 07:40 बजे | पूजा के समय त्रयोदशी तिथि का होना आवश्यक है। |
| धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त | 18 अक्टूबर 2025, शाम 07:00 बजे से 07:30 बजे तक | यह मुहूर्त स्थिर लग्न (Fixed Lagna) में आता है, जो धन की स्थिरता सुनिश्चित करता है। |
| खरीदारी का शुभ समय | 18 अक्टूबर 2025, सुबह 09:30 से दोपहर 01:30 बजे तक और शाम 06:15 से रात 08:30 बजे तक | इस समय सोना, चांदी या बर्तन खरीदना विशेष फलदायी होता है। |
विशेष
ध्यान दें: पूजा का सबसे
उत्तम समय केवल 30 मिनट का है
(शाम 07:00 से 07:30)। इस समय
को किसी भी हाल
में न चूकें।
धनतेरस
पूजा की सम्पूर्ण और सरल विधि
धनतेरस
पर दो प्रमुख पूजाएं
होती हैं: शाम को लक्ष्मी-कुबेर-धन्वंतरि पूजा और रात में यम दीपदान। दोनों की
विधि यहाँ विस्तार से
दी गई है:
पूजा
की आवश्यक सामग्री
पूजा
शुरू करने से पहले
ये सामग्री तैयार रखें:
यम
दीपदान की विशेष विधि (अकाल मृत्यु निवारण)
यम दीपदान धनतेरस का एक अनिवार्य
हिस्सा है, जो परिवार
के सदस्यों को अकाल मृत्यु के भय से
बचाता है।
प्रश्न
1: धनतेरस 2025 में किस तारीख
को है?
उत्तर: धनतेरस का पर्व कार्तिक
मास की कृष्ण पक्ष
की त्रयोदशी तिथि को मनाया
जाता है। वर्ष 2025 में, धनतेरस 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाया जाएगा।
प्रश्न
2: धनतेरस पर पूजा का
सबसे शुभ मुहूर्त क्या
है?
उत्तर: धनतेरस की पूजा का
सबसे शुभ मुहूर्त प्रदोष
काल में होता है।
18 अक्टूबर 2025 को, पूजा का
सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 07:00 बजे से शाम 07:30 बजे तक (लगभग 30 मिनट)
रहेगा। इसी समय माता
लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की
पूजा करनी चाहिए।
प्रश्न
3: धनतेरस पर क्या खरीदना
सबसे शुभ माना जाता
है?
उत्तर: धनतेरस पर तीन वस्तुओं
को खरीदना सबसे शुभ माना
जाता है:
1. धातु: सोना, चांदी, या पीतल/तांबे
के बर्तन (आरोग्य के लिए)।
2. अन्न: साबुत धनिया या चावल (भंडार
भरने
लेख से सम्बंधित कुछ प्रश्न —
मंगलवार, 04 नवंबर 2025 : 08 : 23 PM
06:13 AM
06:37 PM
07:00 AM
07:28 PM
बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 03 : 10 AM से गुरुवार, 05 सितंबर 2024 : 06 : 14 AM तक
मंगलवार, 03 सितंबर 2024 : 07 : 25 AM से बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 09 : 47 AM तक
बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 09 : 47 AM से गुरुवार, 05 सितंबर 2024 : 12 : 21 PM तक
नमस्कार मैं प्रकाश चंन्द आपका ज्योतिष आचार्य। मैं लगभग 25 वर्षों से ज्योतिष शास्त्र से जुड़ा हुआ हूँ। मैंने काफी सारे लोगों के लिए सटीक भविस्यवाणी की है। साथ ही Today Rashifal in Hindi पर मैं डेली होरोस्कोप के ऊपर भविस्यवाणी करता हूँ। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई। जानकारी पसंद आती है। तो आप इसे अपने सगे-संबंधो के साथ भी साझा करें। 🧡
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