दिवाली, जिसे 'रोशनी का त्योहार' कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पवित्र पर्व है। यह सिर्फ मां लक्ष्मी की पूजा का दिन नहीं, बल्कि जीवन में नई शुरुआत, समृद्धि और स्थायी संपत्ति के निवेश के लिए भी सबसे उत्तम समय माना जाता है। अगर आप लंबे समय से अपने सपनों का प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो दिवाली 2025 आपके लिए वह स्वर्णिम अवसर लेकर आ रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी अचल संपत्ति (जैसे प्लॉट, मकान या फ्लैट) को खरीदने के लिए तिथि, वार, नक्षत्र और योग का सही तालमेल होना अत्यंत आवश्यक है। शुभ मुहूर्त में किया गया भूमि क्रय न सिर्फ संपत्ति में वृद्धि करता है, बल्कि परिवार के लिए सुख-समृद्धि और स्थायित्व भी लाता है।
आइए, विस्तार से जानते हैं कि दिवाली 2025 के आस-पास प्लॉट खरीदने के वे कौन-से महाशुभ योग और मुहूर्त बन रहे हैं, जो आपके निवेश को 100% सफलता दिला सकते हैं।
वर्ष 2025 में, दिवाली का महापर्व 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। इससे ठीक दो दिन पहले, 18 अक्टूबर को धनतेरस (धनत्रयोदशी) है, जो खरीदारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
सनातन धर्म में, भूमि को 'भू माता' या 'पृथ्वी माता' का दर्जा दिया गया है। इसे खरीदना केवल एक भौतिक लेनदेन नहीं, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, भूमि क्रय का सीधा संबंध मंगल ग्रह (जो भूमि और अचल संपत्ति का कारक है) और शनि ग्रह (जो स्थायित्व और दीर्घायु का कारक है) से होता है।
शुभ मुहूर्त में भूमि खरीदने से मंगल का आशीर्वाद मिलता है, जिससे संपत्ति विवादों से मुक्त रहती है, और शनि की कृपा से वह संपत्ति लंबे समय तक बनी रहती है और भविष्य में कई गुना लाभ देती है।
दिवाली 2025 के आस-पास कई ऐसे दुर्लभ और शक्तिशाली ज्योतिषीय योग बन रहे हैं, जो प्लॉट खरीदने के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। इनमें से 4 योग और मुहूर्त विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं:
पुष्य नक्षत्र को 'नक्षत्रों का राजा' कहा जाता है। इसे धन, वैभव, सफलता और स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है। इस नक्षत्र में की गई कोई भी खरीदारी (विशेष रूप से प्रॉपर्टी या सोना) अत्यंत शुभ, फलदायक और स्थायी होती है।
तिथि: 14 अक्टूबर और 15 अक्टूबर, 2025 (दिवाली से लगभग 6-7 दिन पहले)
अवधि: 14 अक्टूबर (मंगलवार) दोपहर 11:54 बजे से शुरू होकर 15 अक्टूबर (बुधवार) दोपहर 12:00 बजे तक।
योग: इस दौरान सिद्ध योग और साध्य योग का अद्भुत संयोग भी बन रहा है, जो निवेश को सिद्ध और सफल बनाने में सहायक है।
महत्व: यदि आप तुरंत प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन (रजिस्ट्री) नहीं करवा पा रहे हैं, तो इस मुहूर्त में प्लॉट की बुकिंग/टोकन मनी देना या कागजात बनवाना शुरू करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
धनतेरस का दिन धन और समृद्धि के देवता कुबेर और धन्वंतरि को समर्पित है। इस दिन की गई खरीदारी 13 गुना फल देती है।
तिथि: 18 अक्टूबर, 2025 (शुक्रवार)
महत्व: हालांकि धनतेरस को सोना, चांदी और बर्तन खरीदने के लिए जाना जाता है, लेकिन अचल संपत्ति की शुरुआत के लिए भी यह दिन बहुत शुभ है। इस दिन प्लॉट की फाइल तैयार करना, महत्वपूर्ण कागजात पर हस्ताक्षर करना, या प्लॉट का पूजन करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
दिवाली की रात को 'महानिशा' या 'सिद्ध रात्रि' कहा जाता है। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य या निवेश अक्षय फल देता है।
तिथि: 20 अक्टूबर, 2025 (सोमवार)
महत्व: यदि प्लॉट खरीदने की अंतिम तिथि इसी दिन पड़ रही है, तो लक्ष्मी पूजन के बाद या अभिजीत मुहूर्त में प्लॉट के कागजात पर हस्ताक्षर करना या पेमेंट करना शुभ रहेगा।
2025 की दिवाली के आस-पास कुछ बेहद शक्तिशाली राजयोग भी बन रहे हैं, जिनका भूमि क्रय पर सीधा सकारात्मक असर पड़ेगा:
त्रिग्रही योग: दिवाली के दिन (20 अक्टूबर) ग्रहों के राजा सूर्य, व्यापार के दाता बुध और सेनापति मंगल का तुला राशि में दुर्लभ संयोग बनेगा। यह योग संपत्ति क्रय करने वालों के लिए आर्थिक लाभ और तरक्की के रास्ते खोलता है।
नवपंचम राजयोग: इस अवधि में शनि और अन्य ग्रहों के साथ मिलकर नवपंचम राजयोग भी बन रहा है, जो नई भूमि खरीदने और धन की बचत करने के लिए अत्यंत अनुकूल है।
शुभ मुहूर्त के साथ-साथ, भूमि क्रय में निर्विघ्न सफलता पाने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय और सावधानियां बरतनी चाहिए:
मंगल देवता का पूजन
प्लॉट की डील फाइनल करने से पहले मंगलवार के दिन हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएं। भूमि क्रय में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
भूमि पूजन
प्लॉट की रजिस्ट्री से पहले, उस जमीन पर छोटा-सा 'भूमि पूजन' या 'वास्तु पूजन' अवश्य करें। इससे भूमि के सभी दोष शांत होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नीला रुमाल साथ रखें
यदि कोई बड़ी खरीदारी (भूमि/वाहन) करने जा रहे हैं, तो नीला रुमाल या नीले रंग का कोई वस्त्र अपने साथ रखें। यह शनि और मंगल के संतुलन को बढ़ाता है।
गणेश जी की स्थापना
प्लॉट खरीदने के बाद, उसके एक कोने में (शुभ दिशा में) सिंदूर और घी से एक छोटा-सा गणेश जी का स्वरूप बनाएं। यह प्लॉट के निर्विघ्न विकास को सुनिश्चित करता है।
हल्दी-केसर का प्रयोग
| रजिस्ट्री के कागजात पर हस्ताक्षर करने से पहले, कागजात पर हल्दी या केसर का तिलक लगाएं। यह बृहस्पति का आशीर्वाद लाता है, जिससे फैसला सही होता है। | 
दिशा: प्लॉट खरीदते समय प्लॉट की दिशा (उत्तर या पूर्वमुखी) और उसका आकार (वर्गाकार या आयताकार) वास्तु के अनुसार शुभ होना चाहिए।
दस्तावेज़: सभी कानूनी दस्तावेजों की जांच पड़ताल पुष्य नक्षत्र या त्रिग्रही योग जैसे शुभ मुहूर्त में शुरू करें।
दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) से बचें: प्लॉट के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में कोई बड़ा गड्ढा, जलस्रोत या कचरा नहीं होना चाहिए।
मंगलवार को रजिस्ट्री: यदि संभव हो, तो प्लॉट की अंतिम रजिस्ट्री (कानूनी कार्यवाही) मंगलवार या गुरुवार के दिन करें।
A1. दिवाली 2025 के आस-पास प्लॉट या भूमि क्रय के लिए सबसे शुभ और शक्तिशाली मुहूर्त पुष्य नक्षत्र महासंयोग है। यह 14 अक्टूबर (मंगलवार) दोपहर 11:54 बजे से 15 अक्टूबर (बुधवार) दोपहर 12:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान सिद्ध और साध्य योग भी बन रहे हैं, जो आपके निवेश को स्थायी सफलता दिलाएंगे। आप चाहें तो दिवाली के दिन, 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को लक्ष्मी पूजन के बाद भी कागजात पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
A2. जी हाँ, धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) खरीदारी के लिए एक अत्यंत शुभ दिन है। इस दिन सोना, चांदी या किसी भी तरह की अचल संपत्ति (जैसे प्लॉट) की खरीदारी या उसकी बुकिंग करना 13 गुना फलदायक माना जाता है। यदि आप पुष्य नक्षत्र के मुहूर्त का लाभ नहीं ले पाए हैं, तो धनतेरस का दिन प्लॉट के कागजी कार्य या टोकन मनी देने के लिए सर्वोत्तम है।
A3. प्लॉट खरीदने में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए मंगल ग्रह (जो भूमि का कारक है) को मजबूत करना आवश्यक है। इसके लिए, किसी भी मंगलवार के दिन हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएं और उनसे भूमि क्रय में सफलता के लिए प्रार्थना करें। साथ ही, डील फाइनल करते समय अपने साथ नीला रुमाल या नीले रंग का कोई वस्त्र रखें। यह मंगल और शनि का संतुलन बनाकर सौदे को निर्विघ्न संपन्न करवाता है।
A4. दिवाली 2025 पर प्लॉट खरीदने के लिए कई दुर्लभ महाशुभ योग बन रहे हैं, जिनमें से दो प्रमुख हैं: त्रिग्रही योग और नवपंचम राजयोग। त्रिग्रही योग (सूर्य, बुध और मंगल का तुला राशि में संयोग) और नवपंचम राजयोग (शनि द्वारा निर्मित) संपत्ति में आर्थिक लाभ, स्थायित्व और विवादों से मुक्ति दिलाते हैं। इन योगों में किया गया निवेश आपको दीर्घकालिक समृद्धि देता है।
A5. ज्योतिष के अनुसार, प्लॉट की रजिस्ट्री या महत्वपूर्ण कानूनी कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए गुरुवार और मंगलवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। गुरुवार (बृहस्पति) ज्ञान और सही निर्णय का प्रतीक है, जबकि मंगलवार (मंगल) भूमि का कारक है। यदि शुभ नक्षत्र के साथ इनमें से कोई वार मिल जाए, तो वह अत्यंत फलदायक होता है।
मंगलवार, 04 नवंबर 2025 : 08 : 15 PM
            06:13 AM
        
            06:37 PM
        
            07:00 AM
        
            07:28 PM
        बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 03 : 10 AM से गुरुवार, 05 सितंबर 2024 : 06 : 14 AM तक
मंगलवार, 03 सितंबर 2024 : 07 : 25 AM से बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 09 : 47 AM तक
बुधवार, 04 सितंबर 2024 : 09 : 47 AM से गुरुवार, 05 सितंबर 2024 : 12 : 21 PM तक
            नमस्कार मैं प्रकाश चंन्द आपका ज्योतिष आचार्य। मैं लगभग 25 वर्षों से ज्योतिष शास्त्र से जुड़ा हुआ हूँ। मैंने काफी सारे लोगों के लिए सटीक भविस्यवाणी की है। साथ ही Today Rashifal in Hindi पर मैं डेली होरोस्कोप के ऊपर भविस्यवाणी करता हूँ। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई। जानकारी पसंद आती है। तो आप इसे अपने सगे-संबंधो के साथ भी साझा करें। 🧡
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